नई दिल्ली
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर बैठे किसानों के आंदोलन का आज 35वां दिन हैं। हालांकि सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। लेकिन आज दोहपर 2 बजे एक बार फिर किसान संगठन और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बातचीत होगी। किसान इस साल सितंबर से कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को वार्ता के लिए अपने प्रस्तावित एजेंडे को दोहराया। जिसमें कृषि कानूनों को वापस लेने के तरीके शामिल थे और एक कानून लाने के लिए एक तंत्र था। जोकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी प्रदान करेगा।
केंद्र ने सितंबर में कहा था कि तीन कृषि कानून कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए हैं। जोकि बिचौलियों को खत्म करेंगे और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देंगे।
हालांकि, किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि कानून एमएसपी की सुरक्षात्मक गारंटी को भी खत्म कर देंगे। जिससे वे “मंडी” (थोक बाजार) प्रणाली को खत्म कर देंगे और अंतत; उन्हें बड़े कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा।
इन तीन कानून पर है विवाद
किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अधिनियम, 2020 पर किसानों का अधिकार (संरक्षण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020।
Talks between the farmer and the government will be held at Vigyan Bhawan at 2 pm