जालन्धर (लखबीर)
जिला प्रशासकीय काम्पलैक्स के अधिकारी तहसील में सब कुछ ठीक होने की आम ही बात करते हैं पर जहां तहसील के कई दफ्तरों में शरेआम रिश्वतखोरी का तांडव किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की साख पर उस समय भी बट्टा लगता प्रतीत हो रहा है, जब शरेआम बूथों पर कब्जे किए सामने आ रहे हैं। इसी तरह तहसील के कुछ बूथधारकों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्होंने कचहिरी कंपाऊंड के रूलों की शरेआम धज्जियां उड़ा रखी हैं। इसी तरह तहसील में 240 नंबर बूथधारक ने ओपन बूथ पर चारों ओर शटर लगाकर उसे बंद कर लिया है जिससे ओपन बूथ अब एक दूकान के रूप में तबदील हो चुका है।
अधिकारियों की छुट, तहसील में शरेआम लूट
तहसील में प्रशासन ने प्रत्येक बूथ को कैटागिरी के हिसाब से बांट रखा है। ओपन बूथ का किराया कम तथा दूकान वगैरा का किराया ज्यादा वसूला जा रहा है पर 240 नंबर के बूथधारक ने ओपन बूथ को शटर लगाकर कवर करके दूकान बना ली है पर किराया ओपन बूथ के हिसाब से दिया जा रहा है, जिससे प्रशासन को शरेआम लूटा जा रहा है।
अधिकारियों की आंखों में बंधी पट्टी…
बूथधारक के हौसले को सालाम है, जिसने शरेआम ओपन बूथ को दूकान का रूप दे रखा है, जिस की ओर सीनियर अधिकारियों के अलावा नाजर ब्रांच के भी किसी अधिकारी या मुलाजिम ने देखना मुनासिब नहीं समझा। ऐसा नहीं है कि उक्त बूथ को दूकान का रूप कुछ दिनों में दिया गया हो, यह काम पिछले लम्बे समय से किया गया है, जो बिना नाजर ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं है।
नहीं मिल सकती परमिशन, होगी कार्रवाई – नाजर
इस संबंधी जिला नाजर अशोक कुमार ने कहा कि अगर 240 नंबर बूथ पर शटर लगाकर दुकान बनाया गया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी। वैसे भी किसी भी हालत में इस तरह की परमिशन नहीं मिल सकती। जुर्माने के साथ बनती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।